महाविधालय भवन
महाविद्यालय अपने स्वयं के भवन में कोटा बैराज से लगभग 250 मीटर उत्तर दिशा में सकतपुरा में स्थित है। संस्थान के पूर्व अध्यक्ष स्वर्गीय देवता श्री श्रीधरलाल जी महाराज की दूरदर्शिता, सकारात्मक विचार धारा, एवं तात्कालीन सदस्यों के अथक परिश्रम के फ़लस्वरुप वर्ष1976 से महाविधालय अपने स्वयं के भवन में संचालित हो रहा है। 4 दिसम्बर, 1975 को राजस्थान के तात्कालीन मुख्यमंत्री श्री हरिदेव जी जोशी द्वारा समारोहपूर्वक महाविद्यालय भवन का लोकार्पण सम्पन्न हुआ। देवता जी महाराज के उपकारों से कृतज्ञ महाविद्यालय परिवार ने इस महान युग पुरुष की पुण्य स्मति को अक्षुण बनाये रखने की दष्टि से महाविद्यालय प्रांगण में उनकी प्रतिमा की स्थापना की 17 मार्च,2000 को भारत सरकार के तात्कालीन गृहमंत्री माननीय श्री लालकष्ण जी आडवानी द्वारा इस प्रतिमा का अनावरण किया गया। महाविद्यालय भवन में एक विशाल सभागार (मल्टिपरपज हाल), एक संगोष्ठी कक्ष (सैमिनार हाल), चार बडे व्याख्यान कक्ष (लेक्चरर हाल), विभिन्न विषय कक्ष, विज्ञान प्रयोगशाला, मनोविज्ञान प्रयोगशाला, शिक्षण तकनीकी प्रयोगशाला, कम्प्यूटर प्रयोगशाला, भाषा प्रयोगशाला, पुस्तकालय एवं वाचनालय, स्टाफ़ रुम, प्राचार्य कक्ष, प्रशासनिक अनुभाग,मध्य में खुला प्रांगण आदि सम्मिलित हैं।